13 Sept 2015

तुलसी का गुणागुण

Tulsi se Labh
तुलसी आयुर्वेद में कई ब्याधियों की प्रतिविधी है तूलसी हृदयरोग में  एक महा औसध  है तुलसी पतता के सेवन में कोई समय की पावंदी नहीं हैं जब मन चाहे, यह चबा कर खा सकते हैं | 
देनिक जीवन में तुलसी की अवसयक्ता :-
  1.  कार्तिक के महीने में , प्रतिदिन प्रातःकाल दो तीन तुलसी की पतिंया ,खाली पेट में चबा कर   खाने से पूरा साल में कोई भी रोग नहीं होंगी
  2. तुलसी मानसिक एकाग्रता लेन में दिब्याषाध है | तुलसी के पास खड़े होने या बैठने से ही मानसिक एकाग्रता ( mental concentration) होती है  सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण के समय , पिने की पानी में तुलसी-पता रखने से अंतरिक्छ प्रदुषण का प्रभाव नहीं पड़ेगा |
  3. तुलसी अध्यात्मिक शक्ती का प्रतिक है तुलसी के पास दीप जलाकर, प्रद्क्छिन करने से मन को अपूर्व शांती मिलती है
  4. तुक्सी की कुछ गंध ब्लदडप्रेसर बढ़ने से बचाती है|
  5. तुलसी की पत्तीयाँ नहाने के पानी में डाल कर, कुछ देर रखने के बाद नहा लिजिये  कोई भी तरह की चार्म रोग से मुक्त हो रहेंगे|
  6. पिने के पानी में यह डालने से कोई भी किस्म का उदर–पीड़ा नहीं होगी|
  7. तुलसीमाला या कंठी धारण करने से शरीर सर्वदा स्फूर्तिमय और स्वस्थ रहेगा|
  8. तुलसी कामवासना के ऊपर नियंत्रण करती है काम शक्ति को बढाती है पर उसको स्तविक एवं सिमित करती है|
  9. तुलसी की पत्तिया चबाने  से दन्तछय से नहीं होता है दांतों को उज्ज्वलता और मजबूत बनाती है दांतों का आयु बढाती है |
  10. तुलसी पत्ती  का रस  शारीर में मलने पर अस्थियों को मजबूती , शारीर को को कांति एवं स्वस्थता मिलती है |

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