नीम से लाभ |
नीम की पत्तियां वसंत रोग को हटाने के लिए दिब्योशाध है यह खाने से भोजन में रूचि बढती है इसमें जीवाणु को नाश करने की सकती हितो है |
स्वस्थ रहनेमे नीम :-
- वसंत ऋतू में इनका सेवन करने से मिसल्स, वसंत अदि रोग से मुक्ति मिल जाती है |
- अमाशय रोग में या हजम ठीक से न होने पर नीम की पेढ़ का छाल गरम पानी में भिगोकर, अगले दिन उसको छान कर पीजिये |
- हर रोज आठ दस नीम की पत्ति चार पांच दाने काली मिर्च के साथ चबाकर खाने से और साथ-साथ खाने की विधि- निषेध मानने से रक्क्त में सक्कर की मात्रा जरुर कम होजाएगी |
- जरा सा नीम-पत्ता की रस (छः बूंद) दूध में मिलाकर पिने से दृष्टीशक्ति बढेगी अस्प्स्थ दखाने वाले का उपकार मिलेगा |
- हर महीने एक बार ही पिसा हुआ नीम की पत्ति का लेपन सारा बदन पर करने से किसी भी तरह की चरम रोग से मुक्ति पाएँगे क्यों की यह जीवाणु नासक है |
- २०-२२ नीम की पत्तियां और पच्चीस ग्राम हल्दी एक साथ पीस कर बदन पर लेपन करने से किसी भी प्रकार की चर्म रोग नहीं होगी बदन उज्जवल एवं मुलायम हो जायेगा | यह प्रयोग हप्ते में एक बार करना होगा |
- एक चम्मच नीम की पत्तियों का पावडर, एक चम्मच सहद के साथ, खली पेट में सेवन करने से कृमि पीड़ा और अमासय- रोग को नियंत्रित कर सकते हैं |